मेरे लिए गांव का दूसरा नाम मेरे पिता ही हैं। मेरे लिए गांव का दूसरा नाम मेरे पिता ही हैं।
प्रीति के मां बाप बाहर आये और सब से हाथ पैर जोड़कर रहम की दुआ मांगी। प्रीति के मां बाप बाहर आये और सब से हाथ पैर जोड़कर रहम की दुआ मांगी।
"अरे किशन की मां सुनती हो , बाहर आकर देखो कौन आया है ? "अरे किशन की मां सुनती हो , बाहर आकर देखो कौन आया है ?
आशा अपनी जिंदगी से बहुत खुश थी क्योंकि उसे बहुत प्यार करने वाला पति मिला था. आशा अपनी जिंदगी से बहुत खुश थी क्योंकि उसे बहुत प्यार करने वाला पति मिला था.
दिव्या अपने ससुर के गले लग गई आज उसमे अपने ससुर में अपने मृत पिता नजर आ रहे थे। दिव्या अपने ससुर के गले लग गई आज उसमे अपने ससुर में अपने मृत पिता नजर आ रहे थे।
कब से उसने घर के काम काज के चलते अपनी बेटी का चेहरा देखना और समझना बंद कर दिया है? कब से उसने घर के काम काज के चलते अपनी बेटी का चेहरा देखना और समझना बंद कर दिया ह...